NEP (2020), NCF (2023), NCERT और CBSE के दिशा-निर्देशों, राष्ट्रीय और विभिन्न राज्य बोर्डों के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, विद्यालयों और विद्यार्थियों की सुविधा के लिए पाठ्यक्रम में किसी भी परिवर्तन/कमी को वास्तविक प्रश्न पत्रों में दर्शाया जाएगा।
हालाँकि प्रत्येक स्तर की परीक्षा प्रत्येक विद्यालय के वार्षिक पाठ्यक्रम को ध्यान में रखती है, फिर भी ये परीक्षाएँ सीधे तौर पर उनसे संबंधित नहीं होती हैं। परीक्षाओं को केवल रट्टा लगाने और व्याकरण के सही प्रयोग के बजाए हिंदी भाषा के व्यापक संचार और उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। किसी भी भाषा को सीखने-सिखाने में मानक वर्तनी का महत्वपूर्ण स्थान है। भाषा को बोलचाल के स्तर से ऊपर उठाकर उसका मानक रूप ग्रहण कर लेना उसका मानकीकरण कहलाता है। हिंदी के मानकीकरण की प्रक्रिया को विशेषतः उच्चारण, वर्तनी, शब्द-संपदा, व्याकरण तथा लिपि के आधार पर देखा जाता है।
अतः आज के समय की माँग, भाषा की शुद्धता, शब्द-भंडार के प्रसार और विद्यालयों के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों को हिंदी भाषा के विभिन्न व्याकरणिक अंगों, मानक वर्तनी, लिपि, संचार आदि का ज्ञान होना अति आवश्यक है। SOF IHO की परीक्षा का आयोजन उपरोक्त मानकों को ध्यान में रखकर किया गया है।
कुल प्रश्न: 50
समय: 1 घंटा
पाठ्यक्रम
खंड-1: भाषा-विचार, वर्ण-विचार, शब्द-विचार, संधि एवं समास, उपसर्ग एवं प्रत्यय, विकारी शब्द, काल एवं कारक, लिंग एवं वचन, अविकारी शब्द, वाच्य, वाक्य परिवर्तन, अशुद्धि संशोधन और विराम-चिह्न, पदबंध एवं पद-परिचय, अलंकार, भारतीय साहित्य एवं संस्कृति।
खंड-2: अपठित गद्यांश, अपठित पद्यांश, मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ।
खंड-3: उच्चतर क्रम सोच कौशल आधारित प्रश्न౼ खंड 1 और 2 के पाठ्यक्रम के अनुसार
PATTERN OF SOF INTERNATIONAL HINDI OLYMPIAD (IHO) (LEVEL1)
SOF IHO | ||||
कक्षा | खंड | प्रश्नों की संख्या | अंक प्रति प्रश्न | कुल अंक |
3 तथा 4 | शब्द और व्याकरण बोध | 20 | 1 | 20 |
रचनात्मक बोध | 10 | 1 | 10 | |
मेधावी खंड | 5 | 2 | 10 | |
कुल योग | 35 |
| 40 | |
5 से 10 तक | शब्द और व्याकरण बोध | 35 | 1 | 35 |
रचनात्मक बोध | 10 | 1 | 10 | |
मेधावी खंड | 5 | 3 | 15 | |
कुल योग | 50 |
| 60 |